एजुकेशन

बिजली नहीं, कोचिंग नहीं — फिर भी चंचल बनीं टॉपर, 99.83% के साथ चमकीं भरतपुर की बेटी

नई दिल्ली, 7 जून: राजस्थान के भरतपुर ज़िले के एक छोटे से गाँव पंडेका से आने वाली 15 वर्षीय चंचल...

फिज़िक्सवाला के छात्र माजिद हुसैन ने JEE 2025 में AIR 3 पाई, टॉप 100 में 3 छात्र और शामिल

नई दिल्ली, 4 जून:  एजुकेशन कंपनी फिज़िक्सवाला (पीडब्ल्यू) ने JEE एडवांस्ड 2025 के नतीजे घोषित किए हैं, जिसमें उसके चार...

हिंदी भाषा और व्याकरण: मानवीय संस्कारों से रोज़गार तक की यात्रा ।

नई दिल्ली, मई 22: भाषा केवल संप्रेषण का माध्यम नहीं होती, बल्कि यह समाज की आत्मा, संस्कृति की वाहक और मानवीय संवेदनाओं...

यूरोप की जॉर्जिया यूनिवर्सिटी का भारत में पार्टनर बना ट्राइएंगल एजुकेशन

स्टूडेंट्स को यूरोप की मानकता वाले हॉस्पिटल में मिलेगी ट्रेनिंग और आईपैड देने की भी है योजना नई दिल्ली, मई...

भूमि और रियलमी ने टेक-संचालित शिक्षा और सामुदायिक विकास कार्यक्रम से 80K युवाओं को सशक्त बनाया

नई दिल्ली, अप्रैल 14: रियलमी और भूमि ने शैक्षिक और सामुदायिक विकास के कार्यक्रमों का संचालन करने के लिए साझेदारी की...

भारत नेशनल टैलेंट हंट 2025: “जनरल नॉलेज प्रतियोगिता” का भव्य आयोजन पूरे देश में

नई दिल्ली, 31 मार्च: NURCLM Educational & Skill Development Mission Foundation द्वारा भारत नेशनल टैलेंट हंट 2025 के अंतर्गत “जनरल नॉलेज...

Civilhindipedia: हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए शिक्षा की नई क्रांति

नई दिल्ली, 21 मार्च:भारत में सिविल सेवा परीक्षाओं (UPSC & PSC) की तैयारी लंबे समय तक अंग्रेज़ी माध्यम की प्रधानता...

वेदांत ने सुंदरगढ़ में सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ियों के बुनियादी ढांचे को बढ़ाया

दिल्ली, 4 नवंबर: भुवनेश्वर,04/11 –गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक व्यापक पहुंच और युवाओं को सशक्त बनाने के साथ सामुदायिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते...

बच्चो की आत्महत्या के जिम्मेदार माता पिता या स्कूल कोचिंग ?

नई दिल्ली, सितम्बर 20: भारत में छात्र आत्महत्या के मामले लगातार तेजी से बढ़ रहे हैं। जितने भारत में टॉपर्स निकल रहे हैं, उससे 10 गुना ज्यादा बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। सिर्फ 10वीं-12वीं या कॉलेज के बच्चों के ही नहीं, बल्कि इससे भी ज्यादा कक्षा 4 से लेकर कक्षा 9 तक के बच्चे आत्महत्या कर रहे हैं। इसका जिम्मेदार कौन है? माता-पिता, स्कूल या खुद बच्चे? इसी विषय पर हमारी बातचीत BIYZEN Youth Services के डायरेक्टर श्री अमनदीप से हुई।अमनदीप ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से समझाया।उन्होंने बताया कि भारत आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और इस बदलाव के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हर इंसान को तनाव का सामना करना पड़ता है, चाहे वह 8 साल का बच्चा हो या 60 साल का वयस्क। पिछले दो दशकों में मानसिक सहनशीलता की कमी के कारण कई बदलाव हुए हैं, जिससे तनाव और आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। BIYZEN Youth Services हजारों बच्चों को आत्महत्या से बचा चुका है और उन्हें अपनी सेवाएं प्रदान कर चुका है। उनकी Stress Reliever Shield बच्चों को तनाव और आत्महत्या से बचाती है, जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन के मूल्यों को समझना आसान हो जाता है। अमनदीप ने बताया कि जब वह किसी माता-पिता से बात करते हैं, तो सभी यही कहते हैं कि “हमारे बच्चों को किसी प्रकार का तनाव नहीं है।” लेकिन जब उन्हें यह बताया जाता है कि जिन बच्चों ने आत्महत्या की, उनके माता पिता का भी यही जवाब था, तब उन्हें समझ आता है कि किसी की मानसिक स्थिति को बिना काउंसलिंग के समझा नहीं जा सकता, क्योंकि तनाव बताकर नहीं आता। स्कूलों में इस सेवा को देने पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। अमनदीप ने बताया कि जब वह स्कूलों में जाकर अपनी सेवाएं बच्चों को देने की कोशिश करते हैं, तो कुछ स्कूल इसे मुफ्त में भी बच्चों तक नहीं पहुँचने देते। दुःख की बात तो यह है कि जिन स्कूलों के बच्चे आत्महत्या कर चुके होते हैं, वे भी माता-पिता को दोषी ठहराकर बच्चों तक यह सेवा नहीं पहुँचने देते। कुछ स्कूल इस सेवा का शुल्क बहुत अधिक बताकर मना कर देते हैं, तो कुछ यह कहकर मना करते हैं कि “हमारे बच्चों को इसकी जरूरत नहीं है, बाद में आना।”...

Toppers की पहली पसंद Vidya Question Bank-2025

मेरठ, सितम्बर 19: अनेक विशेषताओं से युक्त सर्वश्रेष्ठ परीक्षा मार्गदर्शक, इसका कोई विकल्प नहीं 100% सफलता के लिए परीक्षार्थी Vidya...