“नक्सलवाद उन्मूलन के प्रयास और इस पर पुलिस प्रशासन की भूमिका” – लेखक विनोद कुमार टण्डन के साथ बातचीत

“नक्सलवाद उन्मूलन के प्रयास और इस पर पुलिस प्रशासन की भूमिका” – लेखक विनोद कुमार टण्डन के साथ बातचीत

विनोद कुमार टण्डन, एक अग्रणी पुलिस अधिकारी और शोधार्थी, नक्सलवाद, सुरक्षा प्रशासन, और समाज में सकारात्मक परिवर्तन के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदानों से प्रसिद्ध हैं। लेखक विनोद कुमार टण्डन की किताब “नक्सलवाद उन्मूलन पुलिस प्रशासन और वर्तमान परिदृश्य” उनके विविध अनुभवों और यात्राओं का संक्षिप्त वर्णन करती है। विनोद कुमार टण्डन ने छत्तीसगढ़ में पुलिस प्रशासन की भूमिका को समझाने और उसके विकास में अपने योगदान को दर्शाया है। 

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प्रश्न: आपकी किताब “नक्सलवाद उन्मूलन पुलिस प्रशासन और वर्तमान परिदृश्य” के बारे में कुछ बताईए।

उत्तर: मेरी किताब नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद करने का प्रयास है। मैंने इस किताब के माध्यम से पुलिस प्रशासन की भूमिका को बेहतर समझने और समस्याओं के समाधान की दिशा में सोचने की प्रेरणा प्रदान करने का प्रयास किया है। वास्तव में उपरोक्त कथन नक्सल प्रभावित क्षेत्र के निवासियों के साक्षात्कारों का सारांश है और मैंने मूल नक्सल प्रभावित जनता की आवाज़ को जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास किया है।

प्रश्न: आपको इस किताब की रचना करने की प्रेरणा कहां से मिली?

उत्तर: मेरी प्रेरणा छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में की गई सेवाओं और समस्याओं के साथ-साथ गुजरने वाले अनुभवों से मिली। जब मैं उन लोगों से मिला और उनकी कठिनाइयों को सुना, तो मुझे यह अहसास हुआ कि उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने में हमें अधिक मदद करनी चाहिए।

प्रश्न: किताब में आपने कौन-कौन से मुद्दों को उजागर किया है?

उत्तर: मैंने किताब में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों और पुलिस के द्वारा अपनाए गए समाधानों के माध्यम से समस्याओं के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है। यह मुद्दे उनके अनुभवों का संक्षिप्त वर्णन है, जिन्हें समझकर हम समस्याओं के समाधान की दिशा में सोच सकते हैं।

प्रश्न: किताब के माध्यम से आप क्या संदेश पहुँचाना चाहते हैं?

उत्तर: मेरा मुख्य उद्देश्य इस किताब के माध्यम से लोगों को समस्याओं का सही समाधान ढूंढने के लिए प्रेरित करना है। मैं चाहता हूँ कि पुलिस प्रशासन स्थानीय लोगों के साथ मिलकर काम करें और उनकी आवश्यकताओं को समझें, ताकि सही दिशा में कदम बढ़ा सकें। इसके साथ ही, मैं चाहता हूँ कि लोग अपने अनुभवों से सीखकर समस्याओं का समाधान ढूंढें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का योगदान करें।

प्रश्न: आपके पाठकों के लिए आपका क्या संदेश है?

उत्तर: मेरे पाठकों से मेरा निवेदन है कि वे समस्याओं के समाधान की दिशा में सक्रिय रूप से योगदान करें। हम सभी मिलकर समाज को बेहतर बनाने में योगदान कर सकते हैं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं। पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर और सहयोग करके हम सुरक्षित और सकारात्मक समाज की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। मेरी किताब के माध्यम से मैं आप सभी से यही प्रार्थना करता हूँ कि आप भी अपने योगदान से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित हो।

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